गन्ने की खेती भारत के लाखों किसानों के लिए आमदनी का एक बड़ा जरिया है। गन्ने में कल्ले (नई शाखाएं) बढ़ाने से उत्पादन और आमदनी दोनों बढ़ती है। अगर आप बिना किसी महंगे टॉनिक या केमिकल के गन्ने में कल्ले बढ़ाना चाहते हैं, तो यहां कुछ आसान और प्राकृतिक तरीके बताए गए हैं।
गन्ने की कटाई के बाद स्प्रे का इस्तेमाल
गन्ने की कटाई के बाद अगर सही देखभाल न की जाए, तो फफूंद और कीटों की वजह से गन्ने की गुणवत्ता और फुटाव (कल्ले) कम हो सकता है। इसलिए, कटाई के बाद स्प्रे करना जरूरी है। स्प्रे में निम्नलिखित चीजों का इस्तेमाल किया जा सकता है:
- कार्बेंडाजिम: फफूंद को रोकने के लिए।
- मैनकोजेब: फफूंदनाशक के रूप में।
- फिप्रोनिल: कीटों से बचाव के लिए।
इस स्प्रे से गन्ने में कल्ले बढ़ते हैं और उत्पादन भी अच्छा होता है।
ट्रेंच विधि से बुवाई
गन्ने की बुवाई के लिए ट्रेंच विधि एक बहुत ही अच्छा तरीका है। इसमें खेत में 1 से 1.5 फीट गहरी और 1 फीट चौड़ी नालियां बनाई जाती हैं। इन नालियों में गन्ने के टुकड़े रखकर मिट्टी से ढक दिया जाता है। इस तरीके से:
- पानी और खाद की खपत कम होती है।
- जड़ें मजबूत होती हैं।
- उत्पादन में 20-25% तक बढ़ोतरी हो सकती है।
3. जैविक खाद और कीटनाशक का इस्तेमाल
रासायनिक खाद और कीटनाशकों के बजाय जैविक खाद और प्राकृतिक कीटनाशक का इस्तेमाल करना बेहतर है। जैसे:
- गोबर की खाद: मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है।
- वर्मीकम्पोस्ट: पौधों को पोषण देता है।
- नीम का तेल: कीटों से बचाव करता है।
इन तरीकों से लागत कम होती है और उत्पादन बढ़ता है।
घरेलू उपायों से कल्ले बढ़ाएं
कुछ घरेलू उपायों से भी गन्ने में कल्ले की संख्या बढ़ाई जा सकती है। जैसे:
- नीम का तेल: गन्ने के बीजों को बुवाई से पहले नीम के तेल में भिगोएं। इससे कीटों और फफूंद से बचाव होगा।
- गोबर की खाद: बुवाई के समय खेत में गोबर की खाद डालें। इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी और कल्ले ज्यादा निकलेंगे।
समय पर सिंचाई और देखभाल
गन्ने की फसल को समय पर पानी देना बहुत जरूरी है। खासकर गर्मी के मौसम में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। साथ ही, फसल की नियमित देखभाल करके कीटों और बीमारियों से बचाव किया जा सकता है।
अच्छी किस्म का चुनाव
गन्ने की अच्छी किस्म का चुनाव करना भी जरूरी है। कुछ किस्में ऐसी हैं जो ज्यादा उत्पादन देती हैं और कीटों से भी बचाव करती हैं। जैसे:
- को.-0238
- को.-86032
- को.-94012
इन किस्मों को अपनाकर किसान अपनी पैदावार और आमदनी दोनों बढ़ा सकते हैं।
गन्ने की खेती में बिना किसी टॉनिक या केमिकल के भी कल्ले बढ़ाना संभव है। सही विधि से बुवाई, जैविक खाद का इस्तेमाल, समय पर सिंचाई, और घरेलू उपायों को अपनाकर किसान अपनी फसल की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों बढ़ा सकते हैं। ये तरीके न सिर्फ आसान हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित हैं। इन्हें अपनाकर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं और खेती को और भी लाभकारी बना सकते हैं।